{ भोजन मंत्र } Bhojan Mantra in Hindi and Sanskrit

भोजन मन्त्र हिंदी और संस्कृत में – Bhojan Mantra in Hindi Lyrics Text Sanskrit Font With Meaningभोजन मन्त्र हिंदी संस्कृत में - Bhojan Mantra in Hindi Sanskrit Mein Lyrics With Hindi Meaning

भोजन मन्त्र हिंदी और संस्कृत में – Bhojan Mantra in Hindi Lyrics Text Sanskrit Font With Meaning

Bhojan Mantra in Hindi; भारतीय संस्कृति में अन्न को सम्मान देने की परम्परा है. इसलिए हमें भोजन करने से पहले और भोजन करने के बाद भी मन्त्र जरुर बोलना चाहिए. इस लेख में हम आपको 4 भोजन मन्त्र बतायेंगे. पहला भोजन मन्त्र संस्कृत में अर्थ सहित, दूसरा भोजन भी संस्कृत में अर्थ सहित, तीसरा भोजन मन्त्र मन्त्र हिंदी में, और चौथा भोजन मन्त्र जो भोजन करने के बाद बोलना चाहिए. भोजन करते समय जमीन पर पालथी मारकर बैठना सर्वश्रेष्ठ माना गया है.

1. ॐ सह नाववतु सह नौ भुनक्तु – Bhojan Mantra in Sanskrit Lyrics with meaning
ॐ सह नाववतु ।
सह नौ भुनक्तु ।
सह वीर्यं करवावहै ।
तेजस्विनावधीतमस्तु ।
मा विद्‌विषावहै ॥
ॐ शान्ति: शान्ति: शान्ति:: ॥
Meaning : आइए हम एक-दूसरे की रक्षा करें। चलो एक साथ खाते हैं। चलो एक साथ काम करते हैं। आइए उज्ज्वल और सफल होने के लिए एक साथ अध्ययन करें। हमें एक दूसरे से नफरत नहीं करते हैं।
ॐ शांति: शांति: शांति:


2. ॐ ब्रहमार्पणं ब्रहमहविर्‌ब्रहमाग्नौ – संस्कृत में भोजन मन्त्र हिंदी अर्थ सहित
ॐ ब्रहमार्पणं ब्रहमहविर्‌ब्रहमाग्नौ ब्रहमणा हुतम् ।
ब्रहमैव तेन गन्तव्यं ब्रहमकर्मसमाधिना ॥
Meaning: जिन वस्तुओं को हम खुद को खिलाने के लिए उपयोग करते हैं वे ब्रह्मा हैं। भोजन ही ब्रह्मा है। भूख की आग में हम ब्रह्मा महसूस करते हैं। हम ब्रह्मा हैं और भोजन खाने और पचाने की प्रक्रिया ब्रह्मा की क्रिया है। अंत में, हम प्राप्त परिणाम ब्रह्मा है।


3. अन्न ग्रहण करने से पहले – हिंदी में खाना खाने के पूर्व बोलने वाला मन्त्र
अन्न ग्रहण करने से पहले
विचार मन में करना है
किस हेतु से इस शरीर का
रक्षण पोषण करना है
हे परमेश्वर एक प्रार्थना
नित्य तुम्हारे चरणो में
लग जाये तन मन धन मेरा
विश्व धर्म की सेवा में ॥


4. अन्नाद् भवन्ति भूतानि – खाना खाने के बाद बोला जाने वाला मन्त्र
बहुत कम लोग जानते हैं कि खाना खाने के बाद यह मन्त्र पढ़ना चाहिए.
अन्नाद् भवन्ति भूतानि पर्जन्यादन्नसंभवः।
यज्ञाद भवति पर्जन्यो यज्ञः कर्म समुद् भवः।।


भोजन मन्त्र का वैज्ञानिक महत्व
विज्ञान भी यह मानता है कि भोजन बनाते समय, भोजन पकाने वाले की सकारात्मक या नकारात्मक भावना का असर भोजन करने वाले व्यक्ति पर पड़ता है. उसी तरह जब हम खाना खाने से पहले भोजन मन्त्र बोलते हैं, तो हम अन्न के एक-एक कण के प्रति कृतज्ञता की भावना मन से व्यक्त करते हैं. तो भोजन के जरिए हमारे जीवन में सकारात्मकता आती है. इसलिए हर व्यक्ति को खाना खाने से पहले भोजन मन्त्र श्रद्धा से पढ़ना चाहिए.


सरस्वती शिशु मन्दिर, सरस्वती विद्या मन्दिर और आर्य समाज में भोजन मन्त्र
आजकल भोजन मन्त्र बोलने की पम्परा आर्य समाज, विद्या भारती, सरस्वती शिशु मन्दिर, सरस्वती विद्या मन्दिर में सिमट कर रह गई है. सरस्वती शिशु मन्दिर, सरस्वती विद्या मन्दिर के छात्रों को शुरुआत से हीं विद्यालय में भोजन करने से पहले भोजन मन्त्र का सामूहिक उच्चारण करवाया जाता है.


“Bhojan Mantra in Hindi and Sanskrit” पढ़ने के लिए शुक्रिया. हमने आप तक भोजन मन्त्र के साथ, भोजन मन्त्र की वैज्ञानिक सार्थकता भी आप तक पहुँचाने की कोशिश की.