Real Life के लिय उपयोगी लघु कहानियाँ Laghu Katha | Any New Small Short Top Moral Stories in Hindi For Children Kids
( अवसर का उपयोग सफलता और असफलता का आधार ) Laghu Katha New Top Moral Stories in Hindi For Children Kids
- दो दोस्त थे, सुमित और राज. दोनों ने बचपन से सारी पढ़ाई एक साथ की थी. दोनों की योग्यता भी लगभग समान थी. सुमित ने जिंदगी में अच्छी सफलता पाई. जबकि राज सामान्य जिंदगी के लिए भी संघर्ष करता रहा. दोनों दोस्तों की दो अलग आदतों ने उनकी जिंदगी में इतना बड़ा फर्क पैदा कर दिया था.
और वह आदत थी निर्णय ना लेने की और अवसर गँवाने की. सुमित हर दिन कुछ लक्ष्य तय करता था और उसे पाता था. लेकिन राज अपने 24 घंटे का उपयोग नहीं करता था. साथ हीं वह अपने काम की सफलता और असफलता के बारे में इतना ज्यादा सोचता था कि वह मुश्किल से 7-8 दिन में अपने दोस्त के 1 दिन के बराबर काम कर पाता था. और इन्हीं दो आदतों ने एक को अर्श पर तो दूसरे को फर्श पर पहुंचा दिया.
Moral message of this Hindi short story Laghu Katha is : हर 24 घंटा एक black cheque होता है. जिसमें आप अपने कर्म से मनचाहा Amount भर सकते हैं…. केवल कर्म के बारे में सोचकर नहीं.
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( सही समय पर सही काम ) The right thing at the right time – Teenager Kids Laghu Katha
- पढ़ाई की उम्र में प्यार हो जाये और कोई उस प्यार के चक्कर में अपनी पढ़ाई बर्बाद कर ले. तो वही होता है, जो आदित्य के साथ हुआ. 12 वीं कक्षा में आदित्य को शोभा से प्यार हो गया. खैरियत की बात बस यही रही कि intermediate की परीक्षा में उसके प्यार का कोई Side effect नहीं पड़ा. लेकिन प्यार के इस खुमार ने उसके आगे की पढ़ाई चौपट कर दी. ना तो वह पढ़ाई पूरी कर पाया और ना Competition की तैयारी कर पाया. जिसका नतीजा हुआ कि उसे आज छोटी-मोटी नौकरी करके कमाई करनी पड़ रही है. और सबसे दुःख की बात यह रही कि जिसके चक्कर में उसने खुद को बर्बाद किया उसी लड़की ने आदित्य से शादी करने से यह कहते हुए इंकार कर दिया कि आदित्य उस लड़की के लायक नहीं है.
Valuable Moral message of this Hindi short story Laghu Katha is : प्यार कीजिये, लेकिन करियर पर इसका नकारात्मक प्रभाव ना पड़ने दें. वरना आप कहीं के नहीं रहेंगे.
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( छोटी सोच के Side effects )
- वंश और राजीव दो दोस्त थे. और दोनों ने अपनी पूरी जिंदगी Private Job करते हुए बिताई. लेकिन दोनों के जीवन में बड़ा अंतर रहा. वंश ने 23 साल की उम्र में हीं Job करना शुरू कर दिया. जबकि राजीव को छोटा काम करना पसंद नहीं था. और उसने तबतक नौकरी नहीं पकड़ी जबतक उसकी शादी नहीं हो गई. और राजीव की शादी 35 वर्ष में हुई. तब जाकर उसने job start की. वंश की शादी भी थोड़ी देर से 33 वर्ष की उम्र में हुई. लेकिन नौकरी शुरू करने में वंश और राजीव के बीच 12 साल का अंतर रहा. और इसी कारण दोनों के जीवनस्तर में एक बड़ा अंतर पैदा हो गया. वंश ने 23 साल से 35 साल के बीच की अपनी कमाई से जमीन खरीदी, घर बनाया और भविष्य के लिए कुछ पैसे भी जमा कर लिए. लेकिन क्योंकि राजीव ने देर से नौकरी शुरू की थी इसलिए वह अपनी कमाई से नया घर नहीं बना पाया. और ना उसके पास पैसे जमा हुए. उसकी सारी salary monthly खर्च में हीं खत्म होती रही.
Small Moral message of this Hindi short story Laghu Katha is : किसी काम को छोटा मत समझिये और कमाई करने में गैरजरूरी देरी ना करें…. जब तक कि आपकी आर्थिक स्थिति पहले से सम्पन्न ना हो.
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